जौनपुर:- शहर के मोहल्ला सिपाह स्थित ऐतिहासिक शाही झंझरी मस्जिद के प्रांगण में अंजुमन मोहम्मदिया की जानिब से यौम ए आशूरा के उपलक्ष्य में शहादत नामा का 150वां कार्यक्रम बड़ी अकीदत के साथ आयोजित किया गया जिसमें शहर और आसपास के अकीदतमंदों ने बड़ी संख्या में शिरकत की,इस दौरान जिले के मशहूर शायर अकरम जौनपुरी और शायर ए इस्लाम असअद आज़मी ने अपनी कविताओं के माध्यम से इमाम हुसैन की शान में अकीदत और मोहब्बत का नज़राना पेश किया। सर्वप्रथम हाफ़िज़ नौशाद पेश इमाम शाही झंझरी मस्जिद ने तिलावत ए कलाम पाक से प्रोग्राम की शुरुआत किया व हाफ़िज़ फानूस नबी ने नात ए पाक का नज़राना पेश किया। प्रोग्राम की अध्यक्षता डॉ शकील अहमद ने किया एवं मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सरफ़राज़ अहमद चेयरमैन प्रतिनिधि नगर पंचायत जफराबाद उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता के तौर पर मौलाना मुफ्ती यासिर मुबारकपुरी ने शिरकत की और उन्होंने अपने बयान में कहा कि इमाम हुसैन र० की शहादत और उनकी अज़ीम कुर्बानी पर रौशनी डाली, उन्होंने कर्बला को इंसाफ, सच्चाई और ज़ुल्म के खिलाफ अमन के पैग़ाम के तौर पर पेश किया,उन्होंने कहा कि कर्बला हमें यह सबक देता है कि ज़ुल्म और नाइंसाफी के आगे सिर झुकाना इंसानियत की तौहीन है, इमाम हुसैन ने अपने जानिसारों के साथ मिलकर हक़ की राह में शहादत पेश की,ताकि आने वाली नस्लें सच और इंसाफ का दामन थामे रहें,वहीं मुफ्ती इम्तियाज नदवी ने अपने बयान में कहा कि इमाम हुसैन की शहादत हमें यह सीख देती है कि एक मुसलमान को हर हाल में ज़ुल्म और ज़ालिम का विरोध करना चाहिए।
इस अवसर पर रेहान अंसारी,मोहम्मद अख़्तर,सोनू जिलानी,गोल्डेन,अबूज़र शेख़,साद खान,साद अंसारी,अंजुमन मोहम्मदिया के समस्त पदाधिकारीयों समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। संचालन मरकज़ी सीरत कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मज़हर आसिफ़ ने किया।