मरकज़ी सीरत कमेटी जो एक तंज़ीम ही नहीं बल्कि एक तहरीक का नाम है जिसको हमारे बुज़ुर्गों ने अपने खून,आंसुओं से सींचा है जिसके लिये झूठे मुक़दमे,मज़ालिम तक सहे मगर अपनी इस तहरीक से पीछे नहीं हटे जिसकी वजह रही कि मरकज़ी सीरत कमेटी जौनपुर के मुसलमानों की एक बड़ी तंज़ीम बन गयी जिसके बैनर के नीचे सभी मसलक के लोग इकट्ठा होते हैं और इसमें दिलचस्पि दिखाई और हर मुसलमान इस तंज़ीम से किसी न किसी तरीक़े से जज़्बाती मोहब्बत करता है और वो चाहता है कि इसी तरह से हमारा जलसा व जुलूस मुसलसल चलता रहे (कुछ बदलाव के साथ) और साल में एक बार ही सही जौनपुर के तमाम मुसलमान एक प्लेटफॉर्म के नीचे जमा होकर इत्तेहाद व मोहब्बत का पैग़ाम देते हैं जिससे एक मज़बूती मिलती है।
वर्तमान सदर सद्दाम हुसैन ने ये ऐलान किया है कि 3 अगस्त 2025 को सुबह 10 बजे शाही अटाला मस्जिद के प्रांगण में नए सदर के इंतेखाब के लिये एक मीटिंग है जिसमें सबसे शिरकत की अपील भी किया है। इस बार नए सदर के तौर पर दो नाम खूब चर्चे में है एक नाम है कांग्रेस पार्टी जौनपुर के शहर अध्यक्ष व तंदूरी दरबार रेस्टोरेंट के मालिक मोहम्मद आरिफ़ खान जो एक नेता के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। आरिफ़ खान तीन बार मरकज़ी सीरत कमेटी में पद पर रह चुके हैं और कमेटी के इलावा शहर में होने वाले हर छोटे बड़े जलसा व जुलूस में डोनेशन भी देते चले आये हैं। प्रशासनिक स्तर पर अच्छी पकड़ भी मानी जाती है इस बार उन्होंने दिलचस्पि दिखाते हुए अपनी दावेदारी पेश की है। जबकि पिछली मरतबा उन्होंने अपना नाम किसी कारण वापस ले लिया था।
दूसरा नाम है शकील मुमताज़ मंसूरी का जो औलिया सीरत कमेटी के सदर व मुमताज़ रेडियोज़ के मालिक हैं जो जलसा व जुलूस से मोहब्बत के साथ साथ कई बार मरकज़ी सीरत कमेटी के पदाधिकारि भी रह चुके हैं। शकील मुमताज़ ने भी इस बार मरकज़ी सीरत कमेटी में सदर पद के लिये दावेदारी की है। ये भी बताता चलूं दोनों ही लोग नरम मिज़ाज,मिलनसार,मोहब्बति,क़ौमी जज़्बा रखने वाले हैं ये मेरा ज़ाती तजज़िया है और दोनों ही लोगों का शहर की मशहूर व मारूफ़ शख्सियतों में शुमार होता है। मगर अब ये आने वाला 3 अगस्त ही बताएगा कि अवाम किस शख़्स को जौनपुर की बाग डोर उसके हाथों में देती है।
यहाँ ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि फ़रीज़ा बनता है अंजुमन,अखाड़ा,सजावट कमेटियों के लोगों का,साबिक़ सुदूर समेत शहर के मुअज़्ज़ज़ लोगों की जो बग़ैर किसी भेद भाव,दुश्मनी,ज़ाती मफाद के एक ऐसे शख़्स का इंतेखाब हर पहलू पर नज़र डालते हुए करें जिससे मरकज़ी सीरत कमेटी को एक बेहतर सदर मिल सके जो हमारे इस तारीख़ी जलसा व जुलूस को उसकी रिवायत के मुताबिक़ मंज़िल तक पहुंचा के दम ले अल्लाह हम सभी को मुख़लिस होकर बेहतर सदर चुनने की तौफ़ीक़ अता करे। आमीन
अजवद क़ासमी
संपादक अवामी ख्यालात
साप्ताहिक उर्दू जौनपुर