उस्ताद शायर अकरम जौनपुरी के सम्मान में हुआ काव्य गोष्ठी का आयोजन

जौनपुर नामा
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अंजुमन सुब्हानिया शिराज़ ए हिन्द अव्वल ने अपने शायर अकरम जौनपुरी को अंगवस्त्र भेंट करके किया स्वागत

अजवद क़ासमी
जौनपुर:- शहर के मोहल्ला दीवान शाह कबीर ताड़तला में बीती रात उस्ताद शायर अकरम जौनपुरी के सम्मान में काव्य गोष्ठी का आयोजन अंजुमन सुब्हानिया शिराज़ ए हिन्द अव्वल के बैनर तले अंजुमन के निज़ामी मोहम्मद आदिल राईनी की अध्यक्षता में उनके आवास पर की गई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उस्ताद शायर अकरम जौनपुरी ने शिरकत किया। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ तिलावत ए क़ुरआन से मौलाना मोहम्मद अजवद क़ासमी ने किया और नात ए पाक का नज़राना अंजुमन चार यारी के निज़ामी सूफी तबरेज़ अहमद ने प्रस्तुत किया। इस मौके पर कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं को भी प्रस्तुत किया। मज़हर आसिफ़ ने पढ़ा "मुझे दुनियां से आंसू छुपाना है इसी ख़ातिर मैं घर से तब निकलता हूँ कि जब बरसात होती है" अकरम जौनपुरी ने पढ़ा "जब नबी का क़सीदा रक़म हो गया खुशबुओं से मोअत्तर क़लम हो गया।"

संचालन करते हुए मरकज़ी सीरत कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मज़हर आसिफ़ ने कहा की अकरम जौनपुरी का व्यक्तित्व ऐसा है जो हमारे शहर के लिये ज़रूरत बन गए हैं जो अपनी काव्य रचना के माध्यम से शिराज़ ए हिन्द जौनपुर की सदियों पुरानी विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रोग्राम की अध्यक्षता कर रहे मोहम्मद आदिल राईनी ने अपने वक्तव्य में कहा कि अकरम जौनपुरी के द्वारा लिखी रचनाओं को मेरी अंजुमन विभिन्न कार्यक्रमों में पढ़ती है जिसे श्रोता काफ़ी पसंद करते हैं और दाद व तहसीन से नवाज़ते हैं उन्होंने कहा कि अकरम जौनपुरी व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्होंने अकरम जौनपुरी द्वारा लिखी गयी एक नात को श्रोताओं के समक्ष पेश किया। तत्पश्चात मोहम्मद आदिल राईनी ने अकरम जौनपुरी को अंगवस्त्र भेंट करके उनका स्वागत व अभिनंदन किया। अज़हरुद्दीन अंसारी,मोहम्मद शाहिद,मोहम्मद समरा ने उन्हें मुबारक बाद पेश किया।


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